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देश की आँखों के सामने दिल्ली का दिसम्बर छा गया हे ,क्या था ,क्या हे .और क्या होगा ,इस देश का मुस्तकबिल !जरा आँखों की पलके उठाओ,हम सब वाकिफ हे की विदेशियों ने यहाँ २०० साल तक राज किया ,इस मुल्क की सम्पति लुटी,वो इसे खोखला बनाने की पुरजोर कोशिस कर गए,बहुत कुछ लुटा ,पर वो भी हमारा जमीर नहीं लुट पाए!और आज हम आजादी के ५४ साल जी चुके हे !५४ साल काफी लम्बा समय,उम्मीद एवं आजादी वाला समय,पर क्या इन ५४ सालो ने कुछ उमीदे जगाई….नहीं!यदि आज के समय के विकाश की गती को देखे तो हमारे कदम बहुत धीरे चल रहे हे!इन ५४ सालो में कोंग्रेस का शासन काफी लंबा रहा, पर इस समय में हकीकत को झांक कर देखे तो इस देश को काफी पीछे धकेल दिया !यह स्थति किसने बने ,हम सब वाकिफ हे ,किसी भी क्षेत्र की बात उठाकर देख लो,भ्रस्टाचार,आतंकवाद,गरीबी,शिक्षा का पिछड़ापन,महंगाई,भुखमरी,कुपोषण की समस्या में वृधी,कृषि उत्पादन में कमी,लुट,हत्याए ,घूसखोरी,दादागिरी,गुंडागर्दी,राजनितिक खोफ,हर तरफ एक डर का साया हे!लोगो में एक अविश्वास सा पैदा हो गया हे !लोगो को दो वक्त की रोटी नसीब कराने की योजना बनी “नरेगा”,तो उसमे भी घोटाला ,गावो की प्राथमिक शिक्षा पध्धति बहुत कमजोर हे,कई हंगामे हुए ,तब जाकर इस कुम्भकरण की नींद सो रही सरकार की कानो पर जू रेंगी,तब दबाव में आकर सर्व शिक्षा अभियान लागु किया गया शिक्षको की भर्तिया निकली पर भर्तिया कहा से करे सारे पेसे तो नेता लोग घोटालो में खा गए !महंगाई ने आम आदमी की रोटी छीन ली समस्या एवं कारण, जमाखोरी एवं भ्रस्टाचार,उधर मिस्टर राहुल गाँधी आम आदमी के लिए काम करने का ढोंग रचाते घूम रहे हे!भ्रस्टाचार तो मानो इस सरकार की पहचान सी बन गई हे,जो जितने बड़े ओहदे पर हे वो इतना बड़ा भ्रस्टाचारी ,यही इन लोगो की पहचान हे ,राजा,कनिमोड़ी,कलमाड़ी जेसे कई महानुभावो ने इस देश की नाक नीची करवा रखी हे ,जब इन सब समस्याओ की बात आती हे तो हमारा मुल्क जहा कही खड़ा होता हे वह कभी कभी पलके झुकाने को मजबूर हो जाता हे ,उसके पीछे का कारण ये जनता के प्रतिनिधि हे !अरे मेरे हिन्दुस्तानी भाइयो ,आप भी इस देश की सरजमी पे पैदा हुए हे,इसी ने आपको सब कुछ दिया हे और आपको इस देश की जनता ने आपको चुनकर उनकी सेवा करने के लिया संसद में भेजा हे,वह जाकर आप राजा मत बन जाओ,जिनके आगे अपने वोट की भीख मांगी थी ,,उन्हें आप गरीबी एवं कुपोषण की मार मत मारो!वो भी आपके भाई-बहन हे,उन्हें मत भूलो,उनका हक़ मत छीनो!पर भाइयो सच कहता हु ये सब कोन याद रखता हे!
देश का दिल ,संसद में जूते फेंकना,पेसे फेंकना,सीटो पर भरी नींद सोना,,,,,बस दुनिया के अमीरों की श्रेणी में नाम कमाना ,,,सब गरीबो का पैसा हज़म करके उसे विदेशो में पहुचना देना!सबसे बड़ी दुःख की दास्ताँ तो यह हे की इस देश पर २०० साल तक विदेशियों ने राज किया ,लुटा,कमजोर बनाया ,और जिसके लिए हमारे देशभक्तों ने सब कुछ भुला कर अपनी जिंदगी त्यागकर देश के लिए लड़ाई लड़ी ,देश को आजाद करवाया एवं एक शिक्षित ,गरीबी से मुक्त एवं सशक्त भारत का सपने देखा ,!लेकिन आज हमारे देश के ये देश भक्त,रक्षक नहीं रहे भक्षक बनकर खुद ब खुद इसे लूटकर बेशर्मी की हद पर करके ये सारा पैसा विदेशियों की धरती पर हाथो-हाथ पंहुचा रहे हे!खुद इस देश को खोखला कर रहे हे,जरा इन्हें शर्म नहीं आती किसी के हक़ का पैसा लुटने में,,,,,इस सरकार की आँखों पर तो कोहरा छा ही गया हे ,पर इन्होने सरे देश पर भी कोहरे सा माहोल बना दिया हे,हर इंसान खोफ खाया हुआ सा, डरता हुआ सा चल रहा हे,,मानो इसे आगे कुछ नजर ही नहीं आ रहा हे!अब एक ही सहारा बचता हे इस देश की जनता के पास की वो आगे देख के चलना चाहते हे तो जरा अपनी पलके उठाये और चेतन हो जाये ,जाग्रत हो जाये,क्योकि ये लोग अब नहीं जग सकते!एक यही एक रास्ता अपनाये चुनाव वाला,की किसी एसे इन्सान को अपना अमूल्य मताधिकार ना प्रदान करे जिसका की कही कोई क्रिमिनल रिकोर्ड हो ,स्विस बैंक में खाता हो!और यह फेसला खुद वोटर कर सकता हे,यह हर नागरिक का अधिकार हे,इसका प्रयोग करने का भी हमारा अधिकार हे!हम इस मुल्क के हे ,,तो यह मुल्क हमारा हे ,,इसे बचने की जिम्मेदारी भी हमारे कंधी पे हे!
युवा आगे आए,जाग्रति फेलाए,इस कोहरे की मार को हटाये,ताकि अपनी राह पर चलने वाले आम आदमी को आगे सीधा कुछ दिखाई दे सके!
हे खुदा ये मेरी इबादत हे आपसे की मेरे इस प्यारे मुल्क के हर नागरिक को इसी ताकत दे ,जज्बा दे,जूनून दे,,ताकि वो आगे आए ,अपना अधिकार जाने ,,और आगे बढे!!!!!
दोस्तों मेरा किसी राजनितिक पार्टी से वास्ता नहीं हे,न किसी राजनितिक पार्टी या किसी को व्यक्तिगत रूप से ठेस पहुचना मेरा मकसद हे,,में कलम का सिपाही हु,,मेरे विचारो की लगाम पर चलती मेरी लेखनी के हुकुम का गुलाम हु,,और मेरे विचार प्रकट करना मेरा अधिकार हे,,!
किसी त्रुटी या गलती के लिए माफ़ करे!
धन्यवाद्!
::रमेश भाई आंजना ::
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